Friday, October 22, 2021

ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता;
जो टूट जाये वो संकल्प नहीं होता;
हार को लक्ष्य से दूर ही रखना;
क्योंकि जीत
 का कोई विकल्प नहीं होता।

ऐक बार ऐक

  • ऐक बार ऐक व्यक्ति ने स्वामी विवेकानन्द से पूछा , स्वामीजी सासार में जितनी महिमा माँ की हे उतनी पिताओं की क्यों नहीं हे ! स्वामी विवेकानंद ने ऐक बडा सा पत्थर मँगवाया और उस व्यक्ति से कहा कि त्तुम
    आज घर लौट कर अपने सारे काम ईस पत्थर को अपनी कमर से बाँधकर करना तुम को खुद मालूम हो जायेगा !
    अगले दिन वह व्यक्ति फिर स्वामी जी के पास आया और बोला -स्वामी जी यह आपने कैसा काम दिया मुझे ! मेरी कमर में भयानक दर्द हो रहा हे , पर इससे मेरे सवाल का जवाब तो नहीं मिला !
    विवेकानंद मुस्करा कर बोले बस इसी में प्रशन का जवाब हे ! ऐक ही दिन में तुम इतने कष्ट में आगयेजब कि ऐक माँ तमाम कष्टों को सहते हुए नौ महीने तक संतान को पेट में पालती है ! इसलिए इस संसार में उस की नहीं तो किस कि महिमा होगी !
      ब उसके समझ में आया कि माँ को महत्व क्यों देते हें

अपने बच्चों





अपने बच्चों को अमीर बनाने का प्रयास मत करो,उन्हें अमीर बनाने की विधी सिखा दो।

 

Do not try to make your kids rich; instead teach them the method to become rich.

Wednesday, July 7, 2021

भूलना सीखो

भूलना सीखो दुनियाँ की बातों को, भूलना सीखो किसी का भला कर दिया उसको और भूलना सीखो किसी ने कुछ अपशब्द कह दिए उसको।

 

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

Sunday, June 13, 2021

संग्रह के रोग को छोडकर

संग्रह के रोग को छोडकर भगवान की ओर जाने का प्रयास करें । उसकी कृपा मिल गई तो समझो सबकुछ मिल गया। यह हमेशा ध्यान रखें कि माल का संग्रह कर उसे सही-सलामत रखने में बहुत बड़ी चिंता होती है, जबकि माला फ़ेरकर प्रभु चिंतन करने में निश्चिंतता आती है। जहाँ निश्चिंतता है वही आनन्द और सुख-शांति है।

 

परम पूज्य सु्धांशुजी महाराज  

Saturday, January 23, 2021


"जिस जिन्दगी में शान्ति नहीं हें वो कुछ भी कर ले वो अधूरा इन्सान हें। शान्ति से ही विकास होता है।
 आप जिन्दगी में अगर किसी को महत्व दें तो मन की शान्ति को महत्व दीजिए
 और वो प्रभु कृपा से मिलती है, सदगुरु की शरण से मिलती है।"