Tuesday, May 3, 2011

Fwd: (India Water Forum) लाख जतन का लाखोलाव / नदियों को बचाने में सरकार की विफलता पर सवाल

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From: Ganga Waterkeeper <kesaraba@gmail.com>
Date: 2011/4/26
Subject: (India Water Forum) लाख जतन का लाखोलाव / नदियों को बचाने में सरकार की विफलता पर सवाल
To: india-water-forum@googlegroups.com



खासम-खास

लाख जतन का लाखोलाव


Source: 
गांधी-मार्ग मार्च-अप्रैल 2011

Author: 
गिरधारी सिंह
हमारा यह छोटा-सा शहर मूंडवा इस मामले में एकदम अनोखा है। नगरवासियों और नगरपालिका- दोनों ने मिलकर यहां के तालाबों की रखवाली की है। और शहर को इन्हीं से मिलता है पूरे वर्ष भर मीठा पानी पीने के लिए। शहर के दक्षिण में न जाने कितने सौ बरस पहले बने लाखोलाव तालाब ......।
हमारा शहर बड़ा नहीं है। पर ऐसा कोई छोटा-सा भी नहीं है। इस प्यारे से शहर का नाम है मूंडवा। यह राजस्थान के नागौर जिले में आता है। नागौर से अजमेर की ओर जाने वाली सड़क पर कोई 22 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में है यह मूंडवा। आबादी है कोई चौदह हजार। इसकी देखरेख बाकी छोटे बड़े नगर की तरह ही एक नगरपालिका के माध्यम से की जाती है। शहर छोटा है पर उमर में बड़ा है, काफी पुराना है। इसकी गवाही यहां की सुंदर हवेलियां देती हैं। समय-समय पर इस शहर से कई परिवार बाहर निकले और पूरे भारत वर्ष में व्यापार के लिए गए। हां पर यहां की खास बात यह है कि ये लोग इसे छोड़कर नहीं गए। साल भर ये लोग कोई न कोई निमित्त से,






हैदराबाद की केएसके महानदी कंपनी को पावर प्लांट लगाने के लिए बेचे गए 133 एकड़ के रोगदा बांध के अस्तित्व को जिला प्रशासन ने नकारा है। प्रशासन ने बांध को जमीन का टुकड़ा बताकर पावर कंपनी को वर्ष 2008 में बेच दिया था, जबकि इस विषय पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में फरवरी 2010 में बैठक हुई थी। यह सारी बातें तब उभरकर सामने आने लगी है, जब विपक्ष के दबाव पर राज्य सरकार द्वारा गठित विधायकों की जांच समिति ने मामले की पड़ताल शुरू की है। छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के नरियरा क्षेत्र में हैदराबाद की केएसके महानदी पावर कंपनी 3600 मेगावाट का पावर प्लांट स्थापित कर रही है। 




जल संगठन गतिविधियां

यमुना आंदोलनकारियों के समर्थन में जुटा साधु समाज


Source: 
दैनिक भास्कर, 25 अप्रैल 2011
नई दिल्ली.जंतर-मंतर पर यमुना में अविरल निर्मल जलधारा के लिए आंदोलनरत साधु संतों व किसानों का समर्थन करने के लिए वृंदावन व हरिद्वार से संत-महंतों का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा। सरकार के लिखित वायदे के बावजूद हथनी कुंड बैराज से अभी तक पानी न छोड़े जाने पर साधु-संतों ने गहरा रोष जताया। कालिका पीठ व अखिल भारतीय संत समिति, दिल्ली के अध्यक्ष सुरेंद्र नाथ अवधूत ने कहा कि शुक्रवार को जंतर-मंतर पर होने वाला वृहद संत-समागम सरकार के गुरुवार को दिए उस भरोसे के बाद स्थगित किया था कि सरकार यमुना में पानी छोड़ेगी। लेकिन, सरकार की बात झूठी निकली।

भारत साधु समाज, दिल्ली के महामंत्री व दूधेश्वर मठ के महंत नारायण गिरी ने कहा कि यमुना के साथ हो रहा व्यवहार हमारी संस्कृति को क्षीण करने का एक षडयंत्र है। वृंदावन से आए अखिल भारतीय वैष्णव चतु:संप्रदाय के अध्यक्ष महंत फूलडोल बिहारी दास ने कहा कि यमुना के लिए इस आंदोलन को ब्रज के घर-घर तक पहुंचाएंगे और सरकार को बाध्य करेंगे कि वह यमुना को उसका अस्तित्व दोबारा लौटाए। आंदोलन के संरक्षक जयकृष्ण दास 



जानकारी

यमुना


Source: 
जमना खड़ी बाजार में, मांगे सबसे खैर (पुस्तक से साभार)

Author: 
रमेश शर्मा

यमुना को यमी नाम से जाना जाता है। यमुना, जमुना, जुमना, जमना आदि नाम से भी इसी पुकारते हैं। कालिंद पर्वत से निकलने के कारण इसको कालिंदी भी कहा जाता है। इसका पानी नीला, श्यामल है जो काला दिखता है। इसलिए भी इसे कालिंदी कहते हैं। यमुना के पिता तेजस्वी सूर्य भगवान तथा माता विश्वकर्मा की पुत्री 'संजना' है। यमुना सूर्यवंशी है तथा इसका भाई यम मौत का देवता है। यमुना और यम दोनों भाई बहनों में अगाध, प्रगाढ़ प्रेम रहा है। इसका एक कारण यह भी माना जाता है कि माता संजना अपने पति तेजस्वी सूर्य का तेज बर्दाश्त नहीं कर पा सकी इसलिए अपनी छाया पैदा करके स्वयं दूर चली गई। ऐसे में दोनों भाई-बहनों ने एक दूसरे का खूब ख्याल रखा तथा परस्पर इनका प्रेम और प्रगाढ़ हो गया। यमुना बहन और यम भाई के परस्पर प्रगाढ़ प्रेम की याद में ही"भैया दूज" का पर्व, त्यौहार, उत्सव मनाया जाता है। इसे "यम द्वितीय" के नाम से भी माना जाता है। मान्यता है कि यमुना ने यम को इस दिन अपने यहां भोजन पर बुलाया था। यह पर्व आज भी भाई-बहन सुखी रहे, दीर्घायु हो, इसी कामना से यमुना देवी एवं यम देवता की विशेष पूजा इस दिन की जाती है। मान्यता है कि जो श्रद्धा, भक्ति, प्रेम, निष्ठा, समर्पण भाव से यमुना में स्नान करेगा, यमुना की पूजा-पाठ-ध्यान करेगा, उसको यम का भय नहीं सतायेगा, उसका जीवन स्वस्थ एवं सुखी होगा।



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