---------- Forwarded message ----------
From: Water Keeper Media <naiazadi@gmail.com>
Date: 2011/5/2
Subject: (India Water Forum) न्यायपालिका की चौखट पर गंगा-भक्त
To: india-water-forum@googlegroups.com
Author:
शिराज केसर
*गंगा में खनन को रोकने के लिए पिछले तीन-चार सालों के अंदर ही लंबे अनशन के
कारण मातृसदन के संत निगमानंद अनंतबेला में पहुंच चुके हैं। वैसे तो संत का अंत
नहीं होता, संत देह मुक्त होकर अनंत हो जाता है। *हरिद्वार की भूमि पर हजारों
संतों, मठों, आश्रमों, शक्तिपीठों के वैभव का प्रदर्शन तो हम आये दिन देखते
रहते हैं। पर हरिद्वार के मातृसदन के संत निगमानंद के आत्मोत्सर्ग की सादगी का
वैभव हम देख रहे हैं।
देश की स्वाभिमानी पीढ़ी तक शायद यह खबर भी नहीं है कि गंगा के लिए एक संत 2008
में 73 दिन का आमरण अनशन करता है जिसकी वजह से न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का शिकार
होता है। और अब 19 फरवरी से शुरू हुआ उनका आमरण अनशन 27 अप्रैल को पुलिस हिरासत
शिराज केसर
*गंगा में खनन को रोकने के लिए पिछले तीन-चार सालों के अंदर ही लंबे अनशन के
कारण मातृसदन के संत निगमानंद अनंतबेला में पहुंच चुके हैं। वैसे तो संत का अंत
नहीं होता, संत देह मुक्त होकर अनंत हो जाता है। *हरिद्वार की भूमि पर हजारों
संतों, मठों, आश्रमों, शक्तिपीठों के वैभव का प्रदर्शन तो हम आये दिन देखते
रहते हैं। पर हरिद्वार के मातृसदन के संत निगमानंद के आत्मोत्सर्ग की सादगी का
वैभव हम देख रहे हैं।
देश की स्वाभिमानी पीढ़ी तक शायद यह खबर भी नहीं है कि गंगा के लिए एक संत 2008
में 73 दिन का आमरण अनशन करता है जिसकी वजह से न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का शिकार
होता है। और अब 19 फरवरी से शुरू हुआ उनका आमरण अनशन 27 अप्रैल को पुलिस हिरासत
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