Welcome to blog
Welcome to this blog
Please visit upto end
myblogs
- http://rashtrahitbharat.blogspot.com/
- http://finddifferentproducts.blogspot.com/
- http://jiggyaasa.blogspot.com/
- http://mggarga.blogspot.com/
- http://kahaneeyan.blogspot.com/
- http://dohechopai.blogspot.com/
- http://ananddhamorg.blogspot.com/
- http://meremankebhav.blogspot.com/
- http://samachaarsameekshaa.blogspot.com/
- http://rukhminibaihospital.blogspot.com/
About Me
Wednesday, December 28, 2016
Saturday, December 24, 2016
आत्म-निर्माण
आत्म-निर्माण की योजना और आत्म-विकास की योजना तब तक अधूरी है जब तक हम स्वंय के लिए कुछ नियम न बनाएँ, कुछ सिद्धान्त न बनाएँ ।
Wednesday, December 21, 2016
अंधेरे से बाहर आने
Sunday, December 18, 2016
Friday, December 16, 2016
कमजोर मनशक्ति ही
१. कमजोर मनशक्ति ही अंधविश्वास क़ा बहुत बड़ा कारण है
२. मनुष्य को ज्यादा भाग्यवादी नहीं बनना चाहिए वरना उसकी कर्म करने की शक्ति कमजोर हो जाती है और वह आगे नहीं बढ़ पाता
प्ररमपुज्य सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश
Thursday, October 20, 2016
भूतकाल को याद
भूतकाल को याद करने में और भविष्य की चिन्ता करने में समय बर्बाद न करें, क्योंकि भूतकाल वापिस आएगा नहीं और भविष्य अभी दूर है।
अपने वर्तमान का सदुपयोग करें। हर दिन को व्यवस्थित ढ़ग से व्यतीत करें।
अपने वर्तमान का सदुपयोग करें। हर दिन को व्यवस्थित ढ़ग से व्यतीत करें।
Wednesday, October 19, 2016
इंसान को संसार
Wednesday, October 5, 2016
jigyasa aur samadhan: आज की युवा शक्ति जोकि भौतिक चकाचौंध
jigyasa aur samadhan: आज की युवा शक्ति जोकि भौतिक चकाचौंध: "जिज्ञासु गुरूदेव !आज की युवा शक्ति जोकि भौतिक चकाचौंध एवं विलासिता की ओर बढ़ती जा रही है उसे बचाने का उपाय क्या है ? महाराजश्री : विचारों..."
pl visit jigyasa aur samadhan
--
वाणी की मधुरता
वाणी की मधुरता मित्रता बढ़ाती है और वाणी की कठोरता के कारण व्यक्ति अपनों से भी दूर हो जाता है।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
Saturday, August 27, 2016
Wednesday, August 24, 2016
हे प्रभु। सारा संसार ही तेरा परिवार है।
हे प्रभु। सारा संसार ही तेरा परिवार है।
हे जगत के नियन्ता जगदीश्वर। हे नारायण। हे शुद्ध, बुद्ध, मुक्तस्वभाव। हे जन्म और जीवन देने वाले परमपिता परमात्मा। हम सभी भक्तों का श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो। हे प्रभु। सारा संसार ही तेरा परिवार हे, तेरे चरणों में आनंद का वास हे , सभी के ह्रदयों में आपका निवास है।हे प्रभु। जिस मेधा बुद्धि को हमारे पूर्ववर्त्ती ज्ञानी-ध्यानी तथा योगीजनों ने प्राप्त किया और अपना कल्याण किया उसी विशेष बुद्धि को आप हमें प्रदान करें।हे प्रभु हमें वह बुद्धि दो जिसके द्वारा हम सन्मार्ग पर चलकर आदर्श को धारण कर सकें तथा दोषों का परित्याग करें। हे प्रभु। हमारे बुद्धि के रथ को आप हांकने वाले बनें। हम सदैव अच्छा विचारें, अच्छे योजनाएं बनाएं, अच्छे हो जाएँ और संसार को सुंदर बना सकें। खुद तरें और औरों को भी तारें। हे दाता हमारी यही विनंती हे, इसे आप स्वीकार कीजिए।
हे जगत के नियन्ता जगदीश्वर। हे नारायण। हे शुद्ध, बुद्ध, मुक्तस्वभाव। हे जन्म और जीवन देने वाले परमपिता परमात्मा। हम सभी भक्तों का श्रद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो। हे प्रभु। सारा संसार ही तेरा परिवार हे, तेरे चरणों में आनंद का वास हे , सभी के ह्रदयों में आपका निवास है।हे प्रभु। जिस मेधा बुद्धि को हमारे पूर्ववर्त्ती ज्ञानी-ध्यानी तथा योगीजनों ने प्राप्त किया और अपना कल्याण किया उसी विशेष बुद्धि को आप हमें प्रदान करें।हे प्रभु हमें वह बुद्धि दो जिसके द्वारा हम सन्मार्ग पर चलकर आदर्श को धारण कर सकें तथा दोषों का परित्याग करें। हे प्रभु। हमारे बुद्धि के रथ को आप हांकने वाले बनें। हम सदैव अच्छा विचारें, अच्छे योजनाएं बनाएं, अच्छे हो जाएँ और संसार को सुंदर बना सकें। खुद तरें और औरों को भी तारें। हे दाता हमारी यही विनंती हे, इसे आप स्वीकार कीजिए।
Monday, August 22, 2016
व्यक्ति काम करते-करते
व्यक्ति काम करते-करते परमात्मा को याद रखे तो उससे बुराई नहीं होती ,
शादी होजाने के बाद जो बड़ों का आशीरवाद लेता रहे तो उसकी गृहस्तीखराब नहीं होती !
हे प्रभु हमारा ह्रदय आपके श्री चरणों से जुडे रहें
visit


परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
हे प्रभु हमारा ह्रदय आपके श्री चरणों से जुडे रहें
हे जीवन के आधार। सुख स्वरूप सचिदानंद परमेशवर। समस्त संसार में आपने अपनी कृपाओं को बिखेरा हुआ है। हमारा क्षद्धा भरा प्रणाम आपके श्रीचरणों में स्वीकार हो। हे प्रभु। जब हम अपने अंतर्मन में शान्ति स्थापित करते हैं तब हमारे अन्त:स्थ में आपके आनन्द की तरंगें हिलोरें लेने लगती हैं और हमारा रोम-रोम आनन्द से पुलकित होने लगता है। जिससे हमारा व्यवहार रसपूर्ण और प्रेमपूर्ण हो जाता है। हे प्रभु! हमारा ह्रदय आपसे जुडा रहे, हम पर आपकी कृपा बरसती रहे, हमारा मन आपके श्रेचार्नोनें लगा रहे, यह आशीर्वाद हमें अवश्यदो ताकि हम पर हर दिन नया उजाला, नई उमंगें, नया उल्लास लेकर जीवन के पथ पर अग्रसर हो सकें ! ऐसी हमारे ऊपर कृपा कीजिए। हे दयालु दाता। हमें ऐसा आशीर्वाद दीजिए कि हम प्रत्येक दिन को शुभ अवसर बना सकें। प्रत्येक दिन की चुनौती का सामना करने के लिए हमें ऐसी शक्ति प्रदान कीजिए कि जिससे हम संघर्ष में विजयी हों। हमारे द्वारा संसार में कुछ भी बुरा न हो, प्रेमपूर्ण वातावरण में श्वास ले सकें तथा प्रेम को संपूर्ण संसार में बाँट सकें। हे प्रभु! हमें यह शुभाशीष दीजिए। यही आपसे हमारी विनती है, यही याचना है। इसे स्वीकार कीजिए।
Thursday, August 18, 2016
दिन में तीन-चार
दिन में तीन-चार बार खुल कर हँसना चाहिए। हँसना एक उत्तम व्यायाम है।

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
आप क्या बोलते
Wednesday, August 17, 2016
जब मन में
जब मन में संतुष्टि हो, तृप्ति हो तभी चेहरे पर धन्यवाद का भाव आएगा और
आँखो में प्रेम ।
Thursday, August 11, 2016
दूसरों को चोट
दूसरों को चोट पहुँचाने वाला सत्य ,सत्य नहीं होता, सत्य हितकारी होनाचाहिए।
Tuesday, August 9, 2016
जैसे दिन को सजाता
जैसे दिन को सजाता है सूर्य और रात को सजाता है चाँद, वैसे ही मानव जीवन को सौंदर्य से युक्त करने का काम सदगुरु करते हैं ।
गुरु है और जिन्दगी शुरु है।
गुरु है और जिन्दगी शुरु है।
Monday, August 8, 2016
खुद को बदलने की
खुद को बदलने की अपनी ताकत को कभी कम कर के मत आँको । आप सच में अपने को बदल सकते हैं। आपकी ताकत बहुत है।
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
24 घंटे में 24
24 घंटे में 24 मिनिट परमात्मा के लिये व 24 मिनिट सेहत के लिये दो।
Saturday, August 6, 2016
जहां भी त्याग की
जहां भी त्याग की भावना होगी उस में पैदा होगा प्रेम ,और प्रेम ही वह बंधन जो संसार को बांधे हुए हे ,प्रेम ही वह धुरी है जिस पर संसार टिका हुआ हे ! इस लिए हमेशा त्याग की भावना अपने अदंर रखो , स्वार्थी मत् बनो !

Friday, August 5, 2016
अगर तुम सत्य पर
अगर तुम सत्य पर हो तो सत्य के लिए जिद्द करो ,जब दुष्ट आदमी दुष्टता की जिद्द कर सकता हें तो अच्छे लोग सत्य के लिए जिद्द क्यों नहीं कर सकते !
जो हम पाना
जो हम पाना चाह्ते है उसका कारण कर्म में छिपा है। अच्छा कर्म करने से अच्छाफल पाया जा सकता है।
Thursday, August 4, 2016
मानव जीवन अनमोल है
Tuesday, August 2, 2016
यदि किसी का प्रिय
Monday, August 1, 2016
मनुष्य की आदत
मनुष्य की आदत है जो सहज प्राप्त होता है उसकी कीमत नहीं समझता जब जरा दूर हो जाए तब उसकी कीमत समझ में आती है।

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
जीवन के अन्तिम
Sunday, July 31, 2016
मेरा शंकर भोला है
मेरा शंकर भोला है मेरा शंकर भोला है !
शिव शंकर मेरा भोला है भीमाशंकर मेरा भोला है !!
उसके एक हाथ में डमरू सोहे दुसरे हाथ में भाला है !
बाम अंग में गौरी विराजत गोद में गणपति लाला है !!
मेरा शंकर भोला है ....
पाऊं में खडाऊं साजत कानन में कुंडल !
माथे पर चन्द्रमा विराजत केसों से बहती गंग धारा है !!मेरा शंकर भोला है ....
विष्णु को देदी मोतिन की माला ख़ुद पहने सर्पों की माला है !
विष्णु को देदी पीताम्बरी खुद ओढे गज छाला है !!मेरा शंकर भोला है ....
ब्रह्मा को देदिया ब्रह्मा लोक और विष्णू को देदिया स्वर्ग लोक ख़ुद मरघट में रहता है !
देवों को देदिया अमृत का प्याला ख़ुद पी गये विष प्याला है !!मेरा शंकर भोला है ....
कहे मदन गोपाल मेरा शंकर भोला है !
शिव शंकर मेरा भोला है भीमाशंकर मेरा भोला है !!
उसके एक हाथ में डमरू सोहे दुसरे हाथ में भाला है !
बाम अंग में गौरी विराजत गोद में गणपति लाला है !!
मेरा शंकर भोला है ....
पाऊं में खडाऊं साजत कानन में कुंडल !
माथे पर चन्द्रमा विराजत केसों से बहती गंग धारा है !!मेरा शंकर भोला है ....
विष्णु को देदी मोतिन की माला ख़ुद पहने सर्पों की माला है !
विष्णु को देदी पीताम्बरी खुद ओढे गज छाला है !!मेरा शंकर भोला है ....
ब्रह्मा को देदिया ब्रह्मा लोक और विष्णू को देदिया स्वर्ग लोक ख़ुद मरघट में रहता है !
देवों को देदिया अमृत का प्याला ख़ुद पी गये विष प्याला है !!मेरा शंकर भोला है ....
कहे मदन गोपाल मेरा शंकर भोला है !
१-८-2006
Saturday, July 30, 2016
दूसरों को क्षमा
दूसरों को क्षमा लरना सीखो , क्रोध को क्षमा से ,हिंसा को क्षमा से ,सहनशीलता से ,शांती से ,प्रसन्नता से , सोम्यतासे ,मधुरता से , शिष्टता से जीतने की कोशिश करो विशेषता आयेगी !
Tuesday, July 26, 2016
जीवन परिवर्तन
Friday, July 22, 2016
Thursday, July 21, 2016
प्रश्न :-मुझे क्रोध बहुत आता हे !क्रोध
प्रश्न :-मुझे क्रोध बहुत आता हे !क्रोध की स्थिति में कुछ भी कर डालता हूँ जो कई बार बहुत हानिकारक भी होता है ! में क्या करूँ कैसे अपने क्रोध को रोकूँ?
गुरूदेव :-आप पहले तो एकांत में बैठकर यह विचार करें कि आपको क्रोध आता ही क्यों है !सामान्यत: व्यक्ति जो सोचता है वह नहीं हो पाए ,स्वार्थ सिद्धि में बाधा आए , अथवा परिस्थितियाँ प्रतिकूल हो जाए तो क्रोध आता है ! हानि से बचने के लिए आवश्यक यह है कि जब भी क्रोध आए , लम्बी गहरी श्वास लें और क्रोध के विषय से स्वंय को दूर ले जाए और प्रतिकार को २४ घंटे के लिए टाल दें !मन में अपने गुरु का ध्यान और मन्त्र जाप शुरू कर दें !बाद में एकांत में विचार करें इस स्थिति के लिए में कहाँ तक दोषी हूँ !
Tuesday, July 19, 2016
अगर अपने आप
Friday, July 15, 2016
जीवन को निर्भयता
Wednesday, July 13, 2016
प्रभाव ही ऐसा
Tuesday, July 12, 2016
जीवन के अन्तिम
Monday, July 11, 2016
*कठिनाइयों*
जिन्दगी में कुछ
Sunday, July 10, 2016
"झूठी जग
Saturday, July 9, 2016
जैसा चिंतन होगा
जैसा चिंतन होगा वैसा ही चित्त होगा जैसा चित्त होगा वैसे ही विचार आचार होंगे !
अगर घर में प्रेम
Subscribe to:
Posts (Atom)