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From: भारतीय ब्लॉग लेखक मंच
Date: 2011/6/5
Subject: भारतीय ब्लॉग लेखक मंच
To: mggarga@gmail.com
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Date: 2011/6/5
Subject: भारतीय ब्लॉग लेखक मंच
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भारतीय ब्लॉग लेखक मंच |
Posted: 05 Jun 2011 07:23 AM PDT हर पल की खुशियां तू जीले,जाने कल आये ना आये |कल जो करना आज ही करले,कल जाने क्या ना होजाए || ----हर पल की खुशियाँ....... पल पल परिवर्तन का मौसम,जो कल था वह आज नहीं है |आज अभी है, कल न रहेगा,इस जग का अंदाज़ यही है || प्रेम-प्रीति को रीति बनाकर,स्वार्थ भूल परमार्थ सजाकर |अपना-पराया भूल, खुशी से-जीले, कल आये ना आये || ----हर पल की.... कल के लिए आज को खोना,इन बातों में तथ्य नहीं है |आज करे |
Posted: 05 Jun 2011 06:04 AM PDT जंगल में घबराहट थी इंसान के हाथ में लालच की कुल्हाड़ी थी कुल्हाड़ी की सत्ता थी धन लालच के चक्कर में बेरहमी से चल रही थीसबसे बड़ा पेड़ घबरा गया बाकी पेड़ों से कहने लगापहला वार मुझ पर होगा तुम्हारा नंबर बाद में आयेगा हिम्मत ना हारनाजो किस्मत में लिखा सहना होगाअब इंसान भ्रष्ट हो गया माँ बाप को भी नहीं छोड़ता पेड़ों को क्या छोड़ेगानिरंतर शोषण पेड़ों का कियापानी को व्यर्थ बहाया अब धरती को भी नहीं |
Y |
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